प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य देश के एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से मुफ्त बिजली प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य न केवल घरेलू बिजली खर्च को कम करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देना है।

योजना का उद्देश्य और लाभ:
‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत, सरकार का लक्ष्य है कि एक करोड़ घरों में सोलर पैनल स्थापित किए जाएं, जिससे हर महीने प्रति घर 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिल सके। इससे न केवल परिवारों के बिजली खर्च में कमी आएगी, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली को बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को बेचकर आय भी अर्जित कर सकेंगे। इस योजना से अनुमानित रूप से प्रति वर्ष 15,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
पर्यावरणीय प्रभाव:

यह योजना ग्रीन एनर्जी मिशन को बढ़ावा देती है, जिससे पर्यावरण संतुलन में सुधार होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग से जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता मिलेगी।
रोजगार के अवसर:
सोलर पैनल की आपूर्ति, स्थापना और रखरखाव के माध्यम से वेंडर्स और तकनीकी कुशल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधा में वृद्धि होगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- उद्देश्य: मध्यम एवं गरीब वर्ग के परिवारों को महंगे बिजली बिल से राहत प्रदान करना और ग्रीन एनर्जी मिशन को बढ़ावा देना।
- लाभार्थियों की संख्या: देश के 1 करोड़ घरों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- मुफ्त बिजली: प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी।
- सरकारी सब्सिडी: सोलर पैनल खरीदने के लिए सरकार द्वारा 60% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- बैंक लोन: सोलर पैनल खरीदने के लिए सस्ते बैंक लोन की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसमें बैंक रेपो रेट से केवल 0.5% ज्यादा ब्याज वसूल सकेंगे।
पात्रता:
आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग के परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवेदक के पास अपनी खुद की पक्की छत होनी चाहिए, जहां सोलर पैनल स्थापित किया जा सके।
वैध बिजली कनेक्शन होना आवश्यक है।
आवेदन प्रक्रिया:
- पंजीकरण: इच्छुक उपभोक्ता को राष्ट्रीय पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण करना होगा। इसके लिए राज्य, बिजली वितरण कंपनी, उपभोक्ता खाता संख्या, नाम, पता और सोलर पैनल की क्षमता जैसी जानकारी भरनी होगी।
- दस्तावेज़ अपलोड: पंजीकरण के दौरान, पिछले 6 महीने का बिजली बिल और छत की फोटो अपलोड करनी होगी।
- वेंडर चयन: पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर्स की सूची से उपभोक्ता अपनी पसंद का वेंडर और सोलर पैनल का मॉडल चुन सकते हैं।
- स्थापना: वेंडर द्वारा सोलर पैनल की स्थापना के बाद, बिजली वितरण कंपनी द्वारा नेट मीटरिंग की जाएगी।
- सब्सिडी प्राप्ति: स्थापना और नेट मीटरिंग के प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करने के बाद, सरकार द्वारा उपभोक्ता के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सब्सिडी राशि जमा की जाएगी।
योजना की वर्तमान स्थिति:

13 फरवरी 2025 तक, इस योजना को एक वर्ष पूरा हो चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 27 जनवरी 2025 तक 8.46 लाख घरों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। यह योजना धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग सौर ऊर्जा की ओर आकर्षित हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
योजना के लाभ:
आर्थिक बचत: मुफ्त बिजली और अतिरिक्त आय से परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता: घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन से ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी।
रोजगार सृजन: सोलर पैनल की स्थापना, रखरखाव और संबंधित सेवाओं में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
चुनौतियाँ और समाधान:
हालांकि यह योजना बहुत लाभकारी है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं, जैसे:
जागरूकता की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सौर ऊर्जा और इस योजना के लाभों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसके लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
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